शुक्रवार, 9 जनवरी 2009

संजीव ठाकुर की कहानी

ज़्यादा किसे मिलें ?

एक बार की बात है।किसी गाँव में दो अजनबी घूमते-घामते पहुँचे। शाम हो गयी थी। वे रात उसी गाँव में बिताना चाहते थे। वे मुखिया के पास गए और उनसे रात गाँव में ठहर जाने की अनुमति माँगी। मुखिया ने दोनों को गाँव की अतिथिशाला में ठहरने की अनुमति दे दी। मुखिया ने कहा, ''रात में आपको खाना भी मिलेगा। आप खाकर आराम से सोइए। मगर हमारे गाँव का एक नियम है....!''
अजनबियों ने पूछा,''कैसा नियम?'' तो मुखिया ने कहा,''नियम यह है कि कोई अतिथि सोते हुए खर्राटे नहीं ले सकता। खर्राटे लिए तो हम उसे मार डालेंगे।''
अजनबियों ने शर्त मान ली और वे अतिथिशाला में चले गए। रात को खाना खाकर दोनों सो गए। थोडी ही देर में एक अजनबी खर्राटे लेने लगा। इससे दुसरे की नींद खुल गयी। उसने सोचा गाँव वाले इसके खर्राटे सुनकर आते ही होंगे। अब तो जान गयी। इस संकट से बचने का उसे एक विचार आया और वह जोर-जोर से गाने लगा। गाने की आवाज़ सुनकर मुखिया वह पहुँच गया। धीरे-धीरे गाँव वाले भी पहुँच गए। सभी मिल कर गाने लगे। वे रात भर गाते रहे। दुसरे अजनबी के खर्राटे कोई नहीं सुन पाया।
सुबह उठकर जब दोनों जाने लगे तो मुखिया ने उन्हें सिक्कों से भरा एक थैला दिया और कहा,''रात हम लोगों ने काफी अच्छा समय बिताया इसलिए यह तोहफा आपके लिए है।''
थैला लेकर दोनों विदा हुए। गाँव से बाहर निकलते ही दोनों झगड़ने लगे। दोनों अपने लिए ज़्यादा सिक्कों की मांग कर रहे थे। दूसरे का कहना था,''मैंने गाना गाकर तुम्हारी जान बचाई इसलिए ज्यादा सिक्के मैं लूँगा।'' और पहला तर्क दे रहा था,''अगर मैं खर्राटे नहीं लेता तो तुम्हें गाने का मौका ही नहीं मिलता। इसलिए ज्यादा सिक्के मैं लूँगा।''
दोनों इस बात पर देर तक लड़ते रहे। आखिर तक वे किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पाए। क्या तुम बता सकते हो की ज्यादा सिक्कों का हकदार कौन है?

9 टिप्‍पणियां:

Bahadur Patel ने कहा…

jyada sikke kharrate lene wale ke honge.

Prakash Badal ने कहा…

भाई सिक्के तो सारे के सारे गाने वाले को मिलने चाहिए क्योंकि उसने अगर गाना न गाया होता तो खर्राटे वाला तो गया था समझो। सिक्के तो दूर उसे तो जान से हाथ धोना पड़ता। फिर भी गाने वाले का ये बड़प्पन है कि वो खर्राटे वाले को आधे सिक्के देने पर राज़ी हो गया। शाबाश लिखते रहो।

saloni ने कहा…

very sweet.ek kaam karo un dono ko sikke mat do aur tum lelo kyonki agar tum nahi likhte to hame pata hi nahi chalta ki aisa hua hai.good,keep it up.

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

RAJIV MAHESHWARI ने कहा…

अच्छी काहानी है ....अगर सिक्के ना बटे हो तो हमें दे दो.......
राजीव महेश्वरी

Unknown ने कहा…

aap he bata de....

Amit Kumar Yadav ने कहा…

आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

Jimmy ने कहा…

very nice post and good blog yar keep it up

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Bahadur Patel ने कहा…

rupayon ka kya hua .